5 Essential Elements For kahani story moral

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हिंदी कहानियां मोरल के साथ जो आपको नैतिक शिक्षा तो देगी ही परन्तु साथ ही साथ जीवन के महत्त्वपूर्ण व मूलभूत बातें भी सिखाएंगी।

इसके बाद राजा ने सभा में पहुंचे दुकानदार से पूछा की क्या आपने अपने पडोसी को चोरी करते हुए देखा था। दुकानदार ने जवाब दिया की हां मैंने इसे रात में चोरी करते हुए देखा था। 

जब उसने अपनी इस परेशानी के बारे में राजा अकबर को बतायी, तब महाराज अकबर ने अपने सबसे चतुर मंत्री बीरबल को इस परेशानी का हल खोजने का दायित्व दिया। यह सुनकर बीरबल ने एक चतुर योजना के बारे में सोचा और व्यापारी के नौकरों को बुलाया।

मूर्ख चोर ने अपनी छड़ी को दो इंच छोटा कर दिया था क्योंकि उसे लगा कि यह सच में दो इंच बढ़ जाएगी। इस प्रकार बीरबल सेन बहुत ही चतुरायी से असली चोर को पकड़ लिया।

सूरजपुर राज्य के राजा वीर सिंघ एक दिन आखेट(शिकार) पर निकले। शिकार करते-करते वह काफी थक गए थे, उन्होंने विश्राम के लिए एक जगह पड़ाव डाला। जंगल घना था हिंसक पशु-पक्षी चारों ओर गर्जना कर रहे थे, किंतु राजा सतर्क पेड़ की छांव में बैठ गए।थकान के कारण राजा को नींद आ गई, तभी एक शेर ने राजा पर आक्रमण किया।

तभी उस किसान ने कहा कि पौधों से बारिश हो या ना हो लेकिन हमें पेड़ पौधों की सेवा और उनका ध्यान रखना चाहिए। कुछ समय बाद बादल उमर आए और बारिश शुरू हो गई रामचरण की खेती के पौधे जीवित हो गए और उसकी फसल बढ़ने लगी। वो खुशी से झूम उठा क्योंकि उसका मेहनत उसे उनके सपनों की प्राप्ति तक पहुंचा रहे । 

दूध का कटोरा बिल के सामने रखने के थोड़ी देर बाद जब सर्प दूध पीने बाहर निकला तो उसने उस पर लाठी से प्रहार किया। सर्प लाठी के प्रहार से तो बच गया किन्तु क्रुद्ध हो गयाऔर फन फैलाकर किसान के पुत्र को डस लिया। 

बहुत समय पहले की बात है। एक गांव में किसान रहता था। गांव के बाहर उसका एक छोटा सा खेत था, जहां वह खेती कर अपना जीवन यापन हेतु थोड़ा बहुत धन अर्जित कर लेता था। 

गौरैया ने जवाब दिया, रामू, जब मैं click here ज़रूरत में थी तब तुमने मेरी मदद की थी और अब तुम्हारी मदद करने की बारी मेरी है। दयालुता हमेशा उन लोगों के पास लौटती है जो इसे देते हैं। 

किसान ने तृप्त होकर खाना खाया और उसके बाद किसान संतुष्ट होकर बक्से को घर ले आया। बक्सा मिलने के बाद किसान बहुत खुश था। उसे लगा कि उसके सब दुख दूर होंगे। वह लालची नहीं बल्कि धैर्यवान व्यक्ति था। उसने बक्से का दुरुपयोग नहीं किया। उसे जब भी किसी चीज की जरूरत होती तो बक्से से तुरंत प्राप्त कर लेता। 

वे लगातार उन्हें हतोत्साहित करते रहे क्योंकि दो मेंढक गड्ढे से बाहर कूदने की कोशिश कर रहे थे। वो दोनों जितनी भी कोशिश करते लेकिन काफ़ी सफल नहीं हो पाते।जल्द ही, दो मेंढकों में से एक ने दूसरे मेंढकों पर विश्वास करना शुरू कर दिया – कि वे कभी भी गड्ढे से नहीं बच पाएंगे और अंततः हार मान लेने के बाद उसकी मृत्यु हो गई।

जब गांव के लोगों ने श्यामू की सफलता देखी तो वे आश्चर्यचकित रह गए। वे बोले, श्यामू, हमें माफ कर दो, हम तुम्हारी मेहनत की कद्र नहीं कर पाए। तुम्हारी मेहनत और ईमानदारी ने तुम्हें सफलता दिलाई है। 

इसके लिए वह पेड़ के वृक्ष से दो पत्ते तोड़कर गांव देने का वायदा लिख देते हैं।

बारिश तेज थी तो किसान ने राजा को अंदर आने के लिए कहा। राजा ने घर में जाने के बाद पूछा, क्या आप मुझे कुछ खिला सकते हैं?

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