The best Side of kahani hindi story

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फसल काटने के बाद रामचरण ने अपने परिवार के साथ आराम से खुशहाल जीवन जीने लगा। उसकी मेहनत और परिश्रम ने उसे गर्व महसूस कराया। वह गांव के बाकी किसानों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन गए। आखिरकार गांव के किसानों ने उसकी मेहनत और समर्पण को मान्यता दी और उन्हें सम्मानित किया गया।

एक दिन रामलाल के पड़ोसी गांव में एक अचानक समस्या आई। गांव के सभी किसानों को एक नए कीटनाशक की आवश्यकता थी, लेकिन वह बहुत महंगा था। रामलाल ने इस समस्या को हल करने के लिए अपनी बुद्धिमत्ता का उपयोग किया। उसने दुकानदार के साथ मिलकर कीटनाशक की अधिक मात्रा में खरीद की और उसे उनके साथ साझा करने का सुझाव दिया। 

मंत्री ने बिना देरी किए बक्सा राजा को दे दिया। जादुई बक्से को पाकर राजा प्रसन्न हो गया। सबसे पहले राजा ने जादुई बक्से की मदद से अपने खजाने की वृद्धि की। फिर राजा को उस बक्से की सुरक्षा को लेकर चिंता हुई। राजा हर कीमत पर उस बक्से को अपने साथ रखना चाहता था। 

दोस्तों, इस कहानी से यह सीख मिलती है कि लोभ का दुष्परिणाम भोगना पड़ता है, इसलिए कभी लोभ न करें।

सूरजपुर राज्य के राजा वीर सिंघ एक दिन आखेट(शिकार) पर निकले। शिकार करते-करते वह काफी थक गए थे, उन्होंने विश्राम के लिए एक जगह पड़ाव डाला। जंगल घना था हिंसक पशु-पक्षी चारों ओर गर्जना कर रहे थे, किंतु राजा सतर्क पेड़ की छांव में बैठ गए।थकान के कारण राजा को नींद आ गई, तभी एक शेर ने राजा पर आक्रमण किया।

एक रात, गधा खेत में चर रहा था कि उसे किसी गधे की story in hindi रेंकने की आवाज़ सुनाई दी। उस आवाज़ को सुनकर वह इतने जोश में आ गया कि वह भी जोर-जोर से रेंकने लगा। गधे की आवाज़ सुनकर किसानो को गधे की असलियत का पता लग गया और फिर गधे की खूब पिटाई की !

किसान के मन में हुआ कि भले ही हम भूखे हैं, लेकिन अपने अतिथि को भूखा नहीं रख सकते। अब किसान यह सोच सोचकर बेचैन हो गया कि अपने अतिथि का पेट कैसे भरा जाए। तभी उसने घर के सामने वाली दुकान से चावल चुराने की तरकीब सोची। उसने सिर्फ आतिथि के लिए ही दो मुट्ठी चावल लिया और उसे पकाकर राजा को खिला दिया। 

एक बार की बात है, गर्मी का महीना था। एक कौए को बहुत तेज़ प्यास लगी थी। वह पानी की तलाश में इधर-उधर उड़ने लगा, पर उसे कही भी पानी ना मिला। तेज़ गर्मी के कारण उसकी प्यास ओर बढ़ती जा रही थी। कौए ने जीने की उम्मीद छोड़ दी थी। लेकिन उसने हार नहीं मानी, वह पानी की तलाश करने फिर चला गया, अचानक उसे एक पानी से भरा घड़ा दिखाई दिया। वह उस घड़े को देखकर बहुत खुश हो गया और तुरंत उड़कर घड़े के पास गया।

इस कहानी से हम सभी को यही शिक्षा मिलती है की हमे अपने भाग्य और किस्मत के भरोसे रहकर खुद को कोसने के बजाय हमे लोगो के लिए यदि जीना शुरू करते है तो निश्चित ही ईश्वर हमारे साथ हमेसा होता है और ऐसा हम तभी कर सकते है जब हम अपनी सोच से बाहर निकलकर दुसरे के लिए जीना शुरू करते है

एक बार एक किसान एक बकरी, एक घास के गट्ठर और एक शेर लिए नदी के किनारे खड़ा था। उसे नाव से नदी पार करनी थी लेकिन नाव बहुत छोटी थी वह एक साथ इन सब को नदी पार नहीं करा सकता था। अगर वह शेर को पहले ले जाता तो बकरी घास खा जाती अगर वह घास के गट्ठर को ले जाता तो शेर बकरी को खा जाता।

उन्होंने सोचा कि अब मैं दूसरे लोगों को क्या बताऊंगा कि मेरा बेटा एक भी विषय में पास नहीं हो पाया। इस प्रकार माँ-पिताजी को श्याम ने बहुत चिंतित वह दुखी देखा जिस पर उसे भी दुख हुआ। श्याम ने अपने मां-बाप को भरोसा दिलाया कि मैं अगली परीक्षा में सफल होकर दिखायेगा।

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अगर हम सच्चे मन और बिना स्वार्थ के किसी की मदद करेंगे तो भगवान हमारी मदद जरूर करेंगे। 

शिक्षा – जब हमारे अंदर किसी चीज़ को पाने की इच्छा होती है तो हम वो चीज़ अवश्य हासिल कर पाते है।

इसके बाद चूहा बहुत डर गया और शेर से माफ़ी मांगते हुए कहने लगा कि, मुझे जाने दो अगर आपको मेरी मदद की कभी भी जरूरत होगी तो मै आपकी मदद जरूर करूँगा। ये सुनने के बाद शेर हँसने लगा और सोचने लगा कि ये छोटा सा चूहा मेरी क्या मदद करेगा। चूहे को विनती करते देख शेर ने उसे माफ़ किया और जाने दिया।

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